इस सवाल को पढ़ कर मुझे मेरे पड़ोसी की याद आगई ,
जिनकी उम्र अभी 55 साल होगी, यहां इन्दौर में इनके शायद , 18 मकान है ,
ओर जिनका किराया ही , लगभग 5/10लाख रुपए महीना , अनुमानित आता है , खाने वाले सिर्फ बेटा बहू ओर अंकल ओर आंटी,
तो इनके किस्से एक से एक है ,
एक बार कोई पेंटर इनके वाहा काम करने आया , तो उसने कहा के आप पैसे की जगह मुझे मोबाइल दिला दो,
ओर अंकल उसी शाम को पहले ही मोबाइल वाले के वहां पहुंच गए , ओर दुकान पर जाकर बोलते में जिसे लेकर आऊंगा उसे तू 500/1000 rp ज्यादा ही बढ़ाकर बताना ,
में तो सुनकर दंग रह गया , के लाखो रुपए महीने के कमाने वाला आदमी गरीब के 500/1000 खाना चाहता है ,
अगला किस्सा
इनके वहां दूध की बंदी लगी ,
जब्ब महीने के ख़तम होने पर दूध वाला पैसे लेने आया तो उसे 1000rp कम पकड़ा दिए !
उसने पूछा क्यू तो जवाब देते , के हमने महीने भर तेरा दूध नापा उसमे तू 100ग्राम कम देता था ,
इस बार के 1000 कट ,
अगला किस्सा इनका
अटाले वाले के साथ का , आंटी ने रद्दी निकाल कर अताले वाले को दी, ओर हिसाब हो गया ,
इतने में इन्होंने छत पर से देखा के , रद्दी में कुछ पुश्ते खोखे भी है , तो 3 मजिल से भागे भागे आए ओर बोले के पुश्ते के 3 rp ज्यादा दो /:)
अगला किस्सा इनका ,
सब्जी वाले को इन्होंने दुकान किराय पर दी, उसे शाम को जाकर बोलते के सब्जी उसी रेट में देना जो तूने मंडी से खरीदी है , थोक रेट में , ओर सबजी उठाई ओर चलते बने ;)
200*400 फीट का घर बनाया है हवेलीनुमा खुद के लिए 4 मजिला, पर रहते अभी भी, उसमे 1bhk में ही है , बाकी पूरा घर किराए पर ,
ओर हा जब यह महल बन रहा था तो, हमारे घर का पुराना मार्बल हमने बाहर ही रख रखा था,2 दिन बाद देखा तो, वो गायब ;/ पूछने गए तो बोलते मजदूरों को पता नहीं था , उठा लिया होगा ,
करोड़ों का घर बना रहे ,पर नियत 1000/2000 के मार्बल पर भी फिसल गई ,
ओर
हा जब लॉकडाउन लगा तो, हमने भी अपने सारे किरायदारों का 2 महीने का किराया माफ़ किया, ओर जो हर साल का 7% बढ़ाते है वो भी ना बढ़ाया, क्युकी वो वक्त ही ऐसा था,जब सभी की हालत खराब थी,
पर
इन्होंने अपने 5/10 साल पुराने किरायदारों का 1 rp भी कम ना किया ,ना ही कुछ माफ़ ,सीधा तारीख से तारीख पर उनके दरवाजे जा कर खड़े हो जाते रजिस्टर लेकर ,
जब किरायदारों ने कहा के बाबूजी नोकरी नहीं है अभी ,पैसे कहा से लाए !
तो इनका सीधा जवाब आया,
के कोई बात नहीं , जब अजाए तब किस्तों में पैसे जमा कर देना,थोड़ा थोड़ा कर के ,
ओर ऐसे सारा किराया वसूल कर के ही माने ये जनाब,
आज भी अंकल 15/20 साल पुरानी अपनी अटाला बाइक से ही घूमते है , ओर वहीं 10 साल पुरानी कार है उनके पास ,जिसे वो आज भी आधी कीमत में बेचने को तैयार है ,
वो बात अलग है के उस अटाले को कोई खरीदना ही ना चाहता है ;)
उनके काम वाली बाई ने बताया एक दिन के,
अंकल उनके 3 दोस्तो के साथ आ रहे थे , पैदल ही, ओर एक दोस्त के हाथ में शक्कर कि थैली थी , जो रास्ते में ही फट गई,
तो अंकल ने चिते की फुर्ती से ;))
उस शक्कर को उठाया और अपनी पैंट की दोनों जेबो में भर लिया ;/
ओर घर आकर, उस 500 ग्राम शक्कर को, सुबह 8 बजे से लेकर शाम 5 तक लगे रहे कंकड़ बिनने में :))
जो कि बमुश्किल 20/30 rp की होगी ;)
ओर शाम को बाई को रसोई में जाकर शक्कर दी , ओर बोले इसे कल से चाय में डाल दिया करना ,
अगर कंजूसी के लिए कोई ऑस्कर अवार्ड मिलता तो पक्का भारत से यही विजयी होते ;))
जब भी कोई रिश्तेदार इन्हे मिठाई देकर जाता जो कि इन्हे अच्छी नहीं लगती तो ये उसे फ्रिज में ,सम्हाल कर रख देते ,ओर 1/2 महीने पटक कर रखने के बाद, उस मिठाई को, किसी काम वाले या मजदूर को दे देते ,
अंकल का कमवालो की लॉयल्टी चेक करने का, इंटरव्यू लेने का तरीका भी एकदम उनकी तरह ही यूनिक है , जब भी वो नया काम वाला रखते तो, क्युकी उनकी दरियादिली :) के कारण इनके वहां काम वाला ज्यादा टिकता नहीं है ,
तो अंकल टी टेबल पर, प्लेट में गीन कर काजू ओर बादाम सजा कर रख देते,ओर जैसे ही कोई कमवाला आता जॉब के लिए , उनके पास, तो थोड़ी देर बात करने के बाद ,
अंकल जानमुझ कर रूम से बाहर निकल जाते, फोन पर बात करने का नाटक करते हुए, ;)
अब अगर उस बन्दे ने,अगर एक भी काजू उठाकर खा ली ,;))
तो समझो वो इंटरव्यू में फ़ैल है ;))
ओर अगर ना खाए तो, पास ,
हर एक बन्दे के जाने के बाद अंकल काजू बादाम गिन कर देखते ;)
अब जब काम वाले को रखना है, तो उसे अगले दिन आते से ही कहते है के , ये काम करने में कितने घंटे लगते है , हर छोटे बड़े काम का टाइम पूछते है उससे पहले तो,
ओर फिर कहते है , के में तुम्हे पगार महीने से नहीं, काम के घंटो के हिसाब से दूंगा ,
जैसे, कपड़े धोने में एक घंटा लगा तो उसके २० rp , , बर्तन धोने के 10/20 rp , खाना बनाने के 10 rp घंटे के हिसाब से पैसे मिलेंगे ;/
ओर मैने देखा , के बेचारे कुछ जरूरत मंद लोग , इन शर्तों पर भी काम करने को राज़ी हो जाते थे , वैसे ही, जैसे मरता क्या ना करता, वैसे हाल ,हा पर वो बात अलग है के कोई 2/4 महीने से ज़्यादा टिक नहीं पाता था ,
एक बार दीवाली पर अपनी काम वाली बाई से बोला के तुझे क्या गिफ्ट चाहिए इस त्यौहार पर,
उसने कहा मुझे बिस्तर चाहिए 2 रूई के गद्दे ,
तो इनकी बीवी साहिबा ने उसे 1500 rp दिए , ओर बोला बनवा लें इस्से, अपने बिस्तर ,
फिर एक हफ्ते बाद इनकी बीवी साहिबा कहती बाई से के वो बिस्तर का क्या हुआ बनवा लिए क्या , तो वो बोली हा ,
तो मैडम जी बोलती के , बिस्तर लेकर आओ यहां दिखाने को,!!!!!
अब उस कामवाली का आदमी ,40 साल की उम्र में , गरमी की धूप में , 15/20 किलो के वो दोनो बिस्तर 4 km दूर से लेकर आया मैडम जी को दिखाने के लिए,
आप सोच सकते है , के उस बन्दे के उपर क्या बित रही होगी,
जो पैदल सायकल पर भरी दोपहर में, मैडम जी को उनका दिया हुआ गिफ्ट लेने का सबूत देने आया हो,
मैडम जी ने गैलरी से , झाक कर देखा ओर ,
किसी तानाशाह की तरह हा में अपनी मुंडी हिला कर हा, कहा ,
ना उस अंदर आने को बोला ना ही एक गिलास पानी का पूछा,
घमंड इतना , पैसे का , के जैसे लोगो को इन्होंने गुलाम ही बनाकर रख लिया हो,
काम वाली बाई बताती है के,
उनके घर का खाना ऐसा के गले ना उतरे , ओर आखरी में , अंकल के मुंह में 2/3 महीने से छाले होगए जिसपर ध्यान ना दिया ,
ओर जब तक कर चेकअप करवाया तो, पता चला मुंह का केंसर होगया है , आधा जबड़ा कटवाना पड़ा , अब सारा दिन व्हीचेयर पर बैठे रहते है आराम फरमाते हुए ;)
तो मेरे हिसाब से इनसे बड़ा कोई कंजूस आदमी हो ही नहीं सकता है :)
ये वही लोग है , जो चाय में मक्खी गिर जाने पर , पहले मक्खी को उठाकर उसे चूस जाएंगे फिर उसे फेकेंगे ;)
,,,,,,
ओर हा आप भी अपवोट , करने में कंजूसी ना करे 😉🙏
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